चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ।
तेरी भक्ति की खुशबू उडाता रहूँ,
तेरा पल पल मैं दीदार पाता रहूँ ।
लेहराऊं कटी में फूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥
मेरी विनती यही अपना लो मुझे,
बृज का कोई फूल बना लो मुझे ।
आऊं कोई कदम्ब का मूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥
तेरे वृन्दाविपिन में पड़ा ही रहूँ,
तेरे दर्शन की जिद्द पे अदा ही रहूँ ।
पड़ जाऊं कालिंदी का फूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥
तेरा पागल हूँ तेरा दीवाना हूँ मैं,
आप बगिया और फिर विराना हूँ मैं ।
रहूँ सूक्षम रहूँ या स्थूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥स्वरचित्र विचित्र
Let me get wrapped in the feet and become dust,
Let me become a flower in your bungalow.
May I keep blowing the fragrance of your devotion,
I keep seeing you every moment.
By becoming a flower in the Lehraun cut,
Let me become a flower in your bungalow.
This is my request, take me
Make me a flower of Brij.
Let me become the root of some Kadamba,
Let me become a flower in your bungalow.
I shall remain lying in your Vrindavipin,
I will stay on the stubbornness of your darshan.
Let me fall and become a flower of Kalindi,
Let me become a flower in your bungalow.
I am crazy about you, I am crazy about you,
You are the garden and then I am the wilderness.
Be it subtle or become gross,
I should become a flower in your bungalow.