छोड़ सिंहासन दौड़ा आया मेरा बाबा श्याम
काम किया मेरे सांवरिया ने हो गया मेरा नाम…
चिंता जब कोई मुझे सतावे श्याम नाम का भजन किया
महामंत्र का जाप प्रभु मैंने-मन में होकर मगन किया
लखदातारी थारे नाम से दिल को मिले आराम….
वचन दिया जो मोरवी मां को- आज भी उसे निभाता है
मेरे में दुख लीले चढ़कर पल में दौड़ आता है
हारे का साथी बन आया खाटू वाला श्याम….
तीन बाण से मेरा सांवरिया भक्तों के भंडार भरे
पहले बाण से पाप हरे हैं दूजे से सुख दान करें
तीजे बाण से भक्ति देवे- प्रिंस को ये घनश्याम….
Prince Jain
My Baba Shyam came running for the throne
My Saawariya has done work, my name has become…
Worry when someone harassed me by chanting the name Shyam
Lord I rejoiced by chanting the Mahamantra
Let the heart rest in the name of Lakhdatari Thare.
The one who promised Morvi to the mother – still plays it
The sorrow in me rises and runs in the moment
Khatu Wala Shyam became the partner of the loser.
With three arrows my Saawariya filled the stock of devotees
Sins are green with the first arrow, donate happiness from the second
Devotion to the sharp arrow – this Ghanshyam to the prince….
Prince Jain