चौदस के दिन दादी, थारी ज्योत जगी चहुँओर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर….
मावश का दिन है लागे, भक्तों को प्यारा,
फूलों से सबने, तेरा मन्दिर सँवारा,
मोहिनी सूरत प्यारी, करे मनड़े ने विभोर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर
चौदस के दिन दादी, थारी ज्योत जगी चहुँओर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर….
रोली है घोली दादी, मेहंदी है घोली,
हाथों में चुड़ला, थारे पैरों में पोली,
चुनड़ी है सतरंगी, और बोरले में मोर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर,
चौदस के दिन दादी, थारी ज्योत जगी चहुँओर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर….
मंगल गाते तेरी, रात जगाते,
तुमको मनाते दादी, तुमको रिझाते,
देखी नही ऐसी दादी, दुनिया में कहीं और,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर,
चौदस के दिन दादी, थारी ज्योत जगी चहुँओर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर….
जिसने भी मन से दादी, तुमको पुकारा,
तुमने ही आकर उसको, दिया है सहारा,
थारे ही हाथों में, है “मधु” की अब डोर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर,
चौदस के दिन दादी, थारी ज्योत जगी चहुँओर,
धोक लगाने मावश को, चालो केडधाम की ओर….
Grandmother, Thari Jyot woke up on the fourteenth day,
To deceive, let’s move towards Keddham….
It is the day of Mavas, dear to the devotees,
Everyone decorated your temple with flowers,
Mohini looks lovely
To deceive, let’s move towards Keddham
Grandmother, Thari Jyot woke up on the fourteenth day,
To deceive, let’s move towards Keddham….
Roli is Gholi Grandmother, Mehndi is Gholi,
Chudla in hands, Polly in thare feet,
Chundi is satrangi, and peacock in Borle,
To deceive, let’s move towards Keddham,
Grandmother, Thari Jyot woke up on the fourteenth day,
To deceive, let’s move towards Keddham….
Mangal sings yours, wakes up the night,
Grandmother celebrating you, wooing you,
Have not seen such a grandmother, anywhere else in the world,
To deceive, let’s move towards Keddham,
Grandmother, Thari Jyot woke up on the fourteenth day,
To deceive, let’s move towards Keddham….
Whoever called from the heart, grandmother, you,
You have come and given him the support,
In my hands, now the door of “Madhu” is there,
To deceive, let’s move towards Keddham,
Grandmother, Thari Jyot woke up on the fourteenth day,
To deceive, let’s move towards Keddham….