चूहा को बजा गया बैंड बाजा,
चूहे पे बैठ गये गणराजा
माथे मुकुट गले मोतियां की माला,
कनन में कुण्डल और हातन में भाला,
कांधे की ताम धरे गणराजा,
चूहा पे बैठ गये…….
सूढ बड़ी लम्बी और कान सूपाधारी,
हाथी सी काया और पेट बड़ों भारी,
मस्तक सिंदूरी गणराजा,
चूहा पे बैठ गये…….
दुष्टों के भक्षक और भक्तों के रक्षक,
स्वामी हम सबके जगत के संरक्षक,
शंकर के लाल गणराजा,
चूहा पे बैठ गये……….
देवतो में इनसे बड़ा न कोई दूजा,
सर्वप्रथम होती है जो इनकी पूजा,
बुद्धि के दाता गणराजा,
चूहा पे बैठ गये………
शीला गजानंद की महिमा मनाते,
आरती उतारें और दीपक जलाएं,
लड्डू के राजी गणराजा,
चूहा पे बैठ गये गणराजा……..
।। शीला रधुवंशी।। और भजन के लिए
The band played the rat,
The republic sat on the mouse
Forehead Crown Throat Beads Garland,
The coil in Canaan and the spear in Hatan,
Ganraja, who is proud of his shoulders
sat on the mouse……
The trunk is long and the ears are flattened,
Elephant-like physique and big belly,
Mastak Sindoori Ganaraja,
sat on the mouse……
The eater of the wicked and the protector of the devotees,
Lord, the protector of the world for all of us,
Shankar’s Lal Ganaraja,
sat on the mouse………
Among the gods, there is no one greater than him,
The first thing that happens is their worship,
Ganaraja, the giver of wisdom,
sat on the mouse………
Celebrating the glory of Sheela Gajanand,
Take out the aarti and light the lamp,
Raji Ganaraja of laddus,
Ganaraja sat on the mouse.
, Sheela Radhuvanshi. and for hymns