ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे

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ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे,
क्यों कही दीखते नहीं हो नैना हुए मेरे वनवारे,
ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे,

द्वारिका मथुरा गई मैं बरसाने गोकुल गई,
मीरा तो बन पाई मैं ना देख रे क्या बन गई,
हे कन्हैया बंसी बजैया दुखने लगे मेरे पाँव रे
ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे,

अर्जु देखु तुह्जे अब मन कही लगता नहीं,
देख ले दुनिया तेरी पर चैन भी मिलता नहीं,
हर घडी बस आस तेरी बैठी कदम की छाँव रे,
ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे,

तुम तो घट घट में वसे हो फिर प्रभु देरी क्यों,
सँवारे नहीं सुन रहे हो प्राथना मेरी ये क्यों,
लेहरी नैया के खवैया के दर्शन मुझे दे सँवारे,
ढूंढ़ती हु फिरती हु तुझको कब मिलोगे सँवारे,

When will you find me?
Why are you not seen anywhere, Naina has become my forest house,
When will you find me?
Dwarka went to Mathura, I went to Barsane Gokul,
Meera was able to become, I do not see what has become,
Hey Kanhaiya Bansi Bajaiya my feet started hurting
When will you find me?
Arju look, now you don’t feel like anywhere,
See, the world doesn’t even get rest on you,
Every hour is just the shade of your feet sitting,
When will you find me?
You are in a hurry, then Lord, why delay?
Why are you not listening to my prayers?
Give me the vision of Lehri Naiya’s Khawaiya, beautify me.
When will you find me?

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