दिल तो प्यारा है मगर दिल से प्यारा तू है।
पर गजब ये है कि इस दिल में भी न्यारा तू है॥
दिल दुखाने का जो दावा भी करूँ किस पै करूँ।
दर्द दिल तू ही है और दिल भी हमारा तू है॥
मुझको तेरे सिवा कोई भी नज़र आता नहीं।
रोशनी जिसमे है आँखों का वो तारा तू है॥
तेरा कब्जा है हरेक दिल पै कोई दे या न दे।
दिल दुलारा है तेरा दिल का दुलारा तू है॥
‘बिन्दु’ आँसू के बहा बैठे हैं उल्फ़त कि नदी में।
मैं हूँ मझधार में घनश्याम किनारा तू है॥
Heart is sweet but you are dear to heart.
But the wonderful thing is that you are different in this heart too.
Whatever claim I make of hurting my heart, what should I pay?
Pain is your heart and you are our heart too.
I can’t see anyone except you.
You are the star of the eyes in which the light is.
You are in possession of each and every heart, whether someone gives it or not.
The heart is cherished, you are the love of your heart.
‘Bindu’ is sitting in tears in the river Ulfat.
I am Ghanshyam in the middle, you are the edge.