एह हवा तू कहा जा रही है,
मुझे मेरे कान्हा की याद आ रही है
कोयल भी बोलती है पपीहा भी बोलता है,
आती है याद जब जब मेरा मनवा भी डोलता है,
सावन की काली काली घटा शा रही है,
एह हवा तू कहा जा रही है,
यमुना को देख कर के उठती है लेहर मन में,
बरसात हो रही है जैसे किसी चमन में,
धीरे धीरे नैनो में नींद आ रही है,
एह हवा तू कहा जा रही है,
दिल में था दर्द भारी आराम मिल रहा है,
सूखे चमन में कोई जैसे कोई फूल खिल रहा है,
दिल को मधुर मधुर पवन बा रही है
एह हवा तू कहा जा रही है,
oh wind where are you going,
i miss my kanha
The cuckoo also speaks, the papiha also speaks,
I remember when my heart also shakes,
The black and black of Sawan is falling,
oh wind where are you going,
Seeing Yamuna, Lehar wakes up in her mind,
It is raining like in some chaman,
Slowly falling asleep in Nano,
oh wind where are you going,
There was pain in the heart, getting heavy relief,
Like a flower is blooming in a dry chaman,
Sweet sweet wind is blowing to the heart
oh wind where are you going,