एक भरोसा श्याम तुम्हारा और कहा हम जायेगे,
तुम मालिक बनकर के रहना हम नौकर कहलाये गए,
तुम जानू कैसे चलन है इस जीवन की नैया को,
राही फिर क्यों फ़िक्र करे जब चिंता आप खिवैया को,
पार लगाओ गए ही तुम ही जब लेहरो में गिर जायेगे,
एक भरोसा श्याम तुम्हारा …….
ये जो हुआ है मैंने किया है इसका भरम मिटाना तुम,
जब जब भी मैं एहम में डुबु मेरे पाप गिनाना तुम,
हम तो है माटी के पुतले फिर गलती कर जाये गए,
एक भरोसा श्याम तुम्हारा ….
सेवक इन चरणों का बन कर सवास स्वास कट जाये प्रभु,
नजर तुम्हारी पड़े तो बदल दुखो के छट जाये प्रभु,
पंकज कहता तुम को छोड़ अब किसको मीट बनाये गे,
एक भरोसा श्याम तुम्हारा …..
One trust Shyam yours and where will we go,
We were called servants by living as a master.
You know how is the trend of this life,
Rahi then why should you worry when you worry about Khivaiya,
When you have just crossed, when you will fall in the lehero,
One trust Shyam yours…….
You erase the illusion of what I have done,
You count my sins whenever I drown in ego,
We are the effigies of the soil, then we have made a mistake,
One trust Shyam yours….
Becoming a servant of these feet, let your breath be cut, Lord,
If you see, then change your sorrows, Lord,
Pankaj says, except you, whom will you cook meat for now?
One trust Shyam yours…..