एक डोली चली एक अर्थी चली,
डोली अर्थी से कुछ युँ कहने लगी,
रस्ता तूने मेरा क्यों ये खोटा किया ,
सामने से चली जा तूँ ओ दिल जली,
चार तुझमे लगे चार मुझमें लगे ,
फूल तुझ पर चढ़े फूल मुझ पर चढ़े,
फर्क इतना है तुझमे और मुझमे सखी,
तूँ विदा हो चली मैं अलविदा हो चली ,
चूड़ी तेरी हरी चूड़ी मेरी हरी,
मांग दोनों की सिंदूर से है भरी,
फर्क इतना है तुझमे और मुझमे सखी,
तूँ जहां में चली मैं जहां से चली ,
तुझे देखे पिया तेरे हँसते पिया ,
मुझे देखे पिया मेरे रोते पिया ,
फर्क इतना है तुझमे और मुझमे सखी,
तूँ पिया के चली मैं पिया से चली,
गौरे हाथो में मेहँदी जो तेरे लगी,
गौरे हाथो में मेहँदी वो मेरे लगी ,
फर्क इतना है तुझमे और मुझमे सखी,
तूँ घर वसाने चली मैं घर वसा के चली,
लकड़ी तुझमे लगी लकड़ी मुझमे लगी,
लकड़ी वो भी सजी लकड़ी ये भी सजी,
फर्क इतना है तुझमे और मुझमे सखी,
तूँ लकड़ी से चली मैं लकड़ी में जली,
तूँ विदा हो चली मैं अलविदा हो चली,
तूँ जहां में चली मैं जहां से चली,
अपलोड द्वारा: अनिल राम मूर्ति भोपाल
A doli walked, a mean walked,
Doli started saying something like this to the earth,
Why did you make this mistake of mine,
Go away from the front, you burn your heart,
Four in you, four in me,
Flowers climbed on you Flowers climbed on me,
There is so much difference between you and my friend,
You have gone away, I have gone bye,
bangle teri green bangle my green,
The demand for both is filled with vermilion,
There is so much difference between you and my friend,
Where did you go from where I went,
See you, drank your laughter,
See me drank, drank my cry,
There is so much difference between you and my friend,
You walked with your drink, I walked with your drink,
The mehendi that you got in fair hands,
I got mehendi in fair hands,
There is so much difference between you and my friend,
You went home to fat, I went home to fat,
The wood in you, the wood in me,
Wood is also adorned Wood, this is also adorned,
There is so much difference between you and my friend,
You walked through the wood, I burned in the wood,
You have left, I have gone bye-bye,
Where did you go from where I went,
Uploaded By: Anil Ram Murthy Bhopal