दरबार अधूरा बाबा का हनुमान के बिना
फागुन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना
कहती है दुनिया सारी निशान की महिमा भारी
और राह देखते इसकी देखो खुद श्याम बिहारी
है भगत अधूरा जैसे भगवन के बिना
फागुन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना
नीले नीले अम्बर में जब ये निशान लहराए
खाटू का श्याम धणी भी इसे देख देख मुस्काये
है यज्ञ अधूरा जैसी यजमान के बिना
फागुन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना
कई शहर घूम के आता फिर खाटू धाम को जाता
वहां शिखर बंद पे सजके मेले की शान बढ़ाता
परिवार अधूरा जैसे संतान के बिना
फागुन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना
अमरीश अगर तू चाहे जीवन को धन्य बनाना
कपिल इन्दोरिअ संग में सूरजगढ़ ज़रूर आना
दातार अधूरा जैसे कन्यादान के बिना
फागुन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना
Darbar incomplete without Baba’s Hanuman
Fagun incomplete without Surajgarh trail
The world says that the glory of all the marks is heavy
And look at it while watching the way Shyam Bihari himself
Bhagat is incomplete like without God
Fagun incomplete without Surajgarh trail
When these marks wave in blue blue amber
Khatu’s Shyam Dhani also smiled seeing this.
The yagya is incomplete without the host.
Fagun incomplete without Surajgarh trail
Comes to visit many cities and then goes to Khatu Dham
There, by adorning the summit, the glory of the fair increases.
family is incomplete like without children
Fagun incomplete without Surajgarh trail
Amrish if you want to make life blessed
Kapil must come to Surajgarh with Indoria
Datar incomplete like without Kanyadan
Fagun incomplete without Surajgarh trail