हर पल हर घडी है मुझको ये आभास,
ये तन मेरा ये मन रहता है तुम्हारे पास,
सब कष्ट हरे सब दुःख हरे,
किये दूर सारे त्रास,
ओ गजसिन शनि महाराज,
ये दादू तुम्हारा है दास,
सब से सरल अराधना तुम्हारी,
सब से सरल उपासना तुम्हारी,
तुम न्याए प्रिये हो तुम धर्म प्रिये हो,
नही करते हो कोई हाश,
ओ गजसिन शनि महाराज,
हम सब है तुम्हारे ही दास,
निलंजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम,
छाया मार्तण्ड सम भुतं तम नमामि शन्सचरं ॥
जब जब जिसने तुमको पुकारा,
बदला नसीब दिया उसको सहारा,
दी तुमने छमा है की तुमने दया है
जो आया तुम्हारे पास
ओ गजसिंन शनि महाराज
हम सब है तुम्हारे ही दास
I have this feeling every moment, every moment,
This body of mine remains with you,
All sorrows are green, all sorrows are green,
All the troubles done away,
O Gajasin Shani Maharaj,
This grandfather is your servant,
The simplest worship of all is yours,
The simplest worship of all is yours,
You are dear to justice, you are dear to religion,
Do not do any hash,
O Gajasin Shani Maharaj,
We are all your slaves,
Nilanjan Samabhasam Ravi Putraman Yamagrajam,
Chhaya Martand Sam Bhutam Tam Namami Shancharam.
Whenever whoever called you
Revenge was given to him,
given you are sorry that you have mercy
who came to you
Oh Gajasin Shani Maharaj
we are all your slaves