गुरु आये रे बरसे फुहार अब गुरु आयो रे
दिव्य दिव्य ध्वनि झरे, धर्म ज्ञान आये
हाँ रे आगम बताये, हाँ रे आगम बताये।
हर मन में गुरुवाणी गूंजे रे हो
चौमासा जहाँ करे, मेला लग जाये
मुनिवर के रूप में, जिनवर घर आये
चौका लगाके आओ आहार करवाये
गुरुवर की भक्ति में आओ हम रम जाए
नाचे ये धरती गगन गाये रे
श्रीफल चढ़ाके आओ उत्सव मनाये
गुरुवर की भक्ति का पुण्य कमाये
गुरु के चरण का आज गंधोधक लगाए
करके पूजा भक्ति गुरु का ही गुण गाये
नाचे ये धरती गगन गाये रे
गुरु आये रे बरसे फुहार अब गुरु आये रे
Guru aaye re rain shower now guru aayo re
Divine divine sound springs, let the knowledge of religion come
Yes tell me the proceeds, tell me the income of yes.
May the Guruvani resonate in every mind
Wherever you do Chaumasa, a fair should take place.
As a monk, Jinvar came home
Let’s get food done with a surprise
Come in the devotion of Guruvar, let us be happy
Dance Yeh Dharti Gagan Gaye Re
Come celebrate by offering quince
Earn the virtue of devotion to Guruvar
Apply perfume at Guru’s feet today
By worshiping, sing the virtues of the bhakti guru only.
Dance Yeh Dharti Gagan Gaye Re
Guru aaye re rain shower now guru aaye re