हर बार तेरे दर आयी माँ
पर टेर ना मेरी तूने सुनी
माँ जब जब नवरात्रे आते है,
बड़े प्रेम से तुमको बुलाती हु
दरवाजे खड़ी में रोज रोज,
माँ बाट तुम्हारी निहारती हु
माँ कैसे रस्ता भूल गई में ध्यान लगाए रहती हूँ….
धनवान तेरे दर आते माँ बड़ी बड़ी भेट चढ़ाते है
कोई भर भर थाल मानते है कोई चुनरी लाल ओढाते है
में भजन सुनाके मनाऊ माँ तेरी आस लगाए बैठी हूँ,
जीवन में बड़ा अंधकार है माँ ना कोई राह सूझती है
तेरी बेटी भटके दर दर माँ देहलीज़ ना कोई दीखती है
अब आके धीर बंधा जा माँ झोली फैलाये बैठी हूँ।
mother came every time
But don’t you listen to me
Mother, whenever Navratra comes,
I call you with great love
Every day in the door standing,
mother waits for you
How mother forgot the way, I keep meditating.
When the rich come to you, the mother makes a big gift.
Some believe in a full plate, some wear chunari red
Maa I am waiting for you to celebrate by reciting hymns,
There is a lot of darkness in life, mother does not know any way
Your daughter wanders from mother to door and no one is visible
Now come and be patient, mother is sitting spreading the bag.