वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
हर ग्यारस में मुझको मेरे श्याम भुलाते है,
जिसकी खातिर दुनिया दिन रात तरस ती है,
वहा अमृत की वरखा रोज बरसती है वो रेहमत के प्याले भर भर पिलाते है,
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
मुझे ठोकर लगते ही वो वयाकुल को जाये,
कुछ काम करे ऐसा होठो पे हसी आये,
वो मेरे मन की बाते पहचान जाते है,
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
दिलदार दयालु है एक पल में पिगल जाए,
एक बार नजर डाले किस्मत ही बदल जाये,
एह पाल तेरी कस्ती वो पार लगाते है
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
He holds my hand and takes away my cot.
My shyam forgets me every year,
For whom the world yearns day and night,
There, the nectar of nectar is showered every day, they drink full of Rehmat’s cup,
He holds my hand and takes away my cot.
As soon as I stumble, he goes to the distraught,
Do some work, so that the lips come with a smile,
He knows what’s on my mind
He holds my hand and takes away my cot.
The heart is kind, it melts in a moment,
Once you have a look, only luck can change.
eh pal, you cross
He holds my hand and takes away my cot.