हुई किरपा जो श्याम तेरी मैं पल पल शुक्र मनाता हु,
तुम से पहले श्याम तेरे भक्तो को शीश निभाता हु,
नाम सुनु जब श्याम मन में ाथ्राथ भारी था,
कलयुग का अवतार बता के पर मैं समज न पाया था,
फिर तेरा इक भक्त मिला भोला मैं समजाता हु,
तुम से पहले श्याम तेरे भक्तो को शीश निभाता हु,
महिमा सुन के बाबाओ से दवार तुम्हारे आया था,
जो न थी औकात मेरी उस से ज्यादा पाया था,
जो पाया उस भक्त के कारण उस को मैं बतलाता हु,
तुम से पहले श्याम तेरे भक्तो को शीश निभाता हु,
पागल मन संसार से बतर शरण तुम्हारी आया है,
तेरी किरपा से खाटू वाले जग में इसको पाया है,
गुरु गोविन्द की शरण में रह कर गीत उसी के गाता हु
तुम से पहले श्याम तेरे भक्तो को शीश निभाता हु,
Hui Kirpa which Shyam Teri, I celebrate every moment thankfully,
Before you, Shyam plays the head of your devotees,
Naam Sunu When Shyam was heavy in heart,
Tell me the incarnation of Kali Yuga, but I could not understand,
Then I found your devotee, Bhola, I understand,
Before you, Shyam plays the head of your devotees,
Hearing the glory, the door had come to you from Babao,
I had got more status than what I did not have,
I tell him what he found because of that devotee.
Before you, Shyam plays the head of your devotees,
The mad mind has come to you as a refuge from the world,
I have found this in the world of Khatu because of your Kirpa,
Staying in the shelter of Guru Govind, I sing songs of Him.
Before you, Shyam plays the head of your devotees,