जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है,
तू एक मांगता है ये लाखो देता है,
बदले में तुझसे लेकिन कभी कुछ न लेता है,
जब तेरी हर खवाइश ये पूरी कर देता है,
फिर गिन गिन कर ………..
जब मांग के लाते हो जग से छिपाते हो,
और नाम जपलेते हो जग को दीखते हो,
जब दुःख के बदले तुझको ये खुशिया देता है,
फिर गिन गिन कर………
तकलीफ इसको तो भी होती है मेरे यार,
इस का अंश है इससे करे सवार्थ का बेहवार,
जब इतना सह कर तुझको दुआए देता है,
फिर गिन गिन कर ………
ईशा और जरुरत में है फर्क बड़ा होता,
मानव की दिरिशाना का कभी अंत नही होता
जब गलती की तुझे मोहित ये मफ्फी देता है,
फिर गिन गिन कर
When the murliwala gives you unaccounted for,
Then why do you take his name by counting,
You ask for one, it gives millions,
but never takes anything from you in return,
When it fulfills your every wish,
Then counting down………..
When you bring demand, you hide it from the world,
And when you chant the name, you see the world,
When instead of sorrow it gives you happiness,
Then counting down………
Even if it hurts, my friend
This is a part of it, make it useless for the good,
When he gives you blessings after suffering so much,
Then counting down………
The difference between Isha and Need would have been big.
Human direction never ends
When you make a mistake, you are fascinated by this muffy,
then by counting