जबसे शरण आया मैं सरकार

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जबसे शरण आया मैं सरकार,
मुझको भा गया ये दरबार,
देख तेरी चितवन को काबू रहा न मैं सरकार,
खुद की नहीं खबर क्यों मुझे आज छल लिया,
छलिये तेरी नजर ने मुझे आज छल लिया,

दिल तेरे पर खो गया है छलिये तुम्हारा हो गया,
मुझको दीवाना कहने लगे तू ही बता दे क्या हो गया है,
कैसा तेरा हुनर क्यों मुझे आज छल लिया,
छलिये तेरी नजर ने मुझे आज छल लिया,

छल से तुम्हारे था मैं अनजान जाल में फस गया ये अनजान,
देख के सूंदर झांकी को हर्ष हो गया मैं हैरान,
वश में नहीं जिगर क्यों मुझे आज छल लिया,
छलिये तेरी नजर ने मुझे आज छल लिया,

Ever since I came to the government,
I liked this court,
See, I am not controlling your mind, nor am I the government,
Why did you deceive me today, not your own news?
Your eyes deceived me today,
The heart is lost on you, it has become yours,
You started calling me crazy, tell me what has happened,
How did your skills deceive me today,
Your eyes deceived me today,
Because of your deceit, I got caught in the unknown trap.
I was surprised to see the beautiful tableau.
Why did the liver deceive me today,
Your eyes deceived me today,

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