जगदम्बे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है,
सोहे वेश कसुमल निको तेरे रत्नो का सिर पे ताज है ,
जब जब भीड़ पड़ी भगतन पर तब तब आये सहाये करे,
अधम उद्धरण तारण मियां युग युग रूप अनेक धरे,
सिद्ध करती तू भगतो के ताज है,
नाम तेरो गरीब निवाज है,सोहे वेश कसुमल नि को,
तेरे रत्नो का सिर पे ताज है,
जगदम्बे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है,
जल पल थल और थल पर सृष्टि अध्भुत थारी माया है
सुर नर मुनि जान ध्यान धरे नित पार नहीं कोई पाया है,
थारे हाथो में सेवक की लाज है,
लियो शरण तिहारो मैया आज है,
सोहे वेश कुसमल नि को,
तेरे रत्नो का सिर पे ताज है,
जगदम्बे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है,
जरा सामने तो आओ मियां छुप छुप छलने में क्या राज है,
यु छुप न सको गई मियां मेरी आत्मा की ये आवाज है,
मैं तुम को भुलाऊ तुम नहीं आओ ऐसा कभी न हो सकता,
बालक अपनी मैया से बिछुड़ कर सुख से कभी न सो सकता,
मेरी मैया पड़ी मझधार है,
अब तू ही तो खेवनधार है,
अब रो रो पुकारे मेरी आत्मा मेरी आत्मा की यही आवाज है,
जगदम्बे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है,
Jagdambe Bhavani Maiya is the shadow of your Tribhuvan,
Sohe disguised Kasumal Niko Your gems have a crown on their head,
Whenever there is a crowd on Bhagtan, then come and help,
Adham Quotes Taran Miyan Yuga Yuga Forms Many Dhar,
Prove that you are the crown of the gods,
Your name is poor, so you disguise Kasumal Ni
Your gems have a crown on their head,
Jagdambe Bhavani Maiya is the shadow of your Tribhuvan,
The creation is wonderful Thari Maya on water, land and land.
Sur Nar Muni Jan, meditate, no one has found anything beyond,
There is a servant’s shame in his hands,
Today is Leo Sharan Tiharo Maiya,
Sohe disguised Kusmal Ni Ko,
Your gems have a crown on their head,
Jagdambe Bhavani Maiya is the shadow of your Tribhuvan,
Come in front, what is the secret in hiding and hiding,
You could not hide, mian, this is the voice of my soul,
I will forget you, you do not come, this can never happen,
A child can never sleep happily after being separated from his love.
My love is lying in the middle,
Now you are the mainstay
Cry now my soul is the voice of my soul,
Jagdambe Bhavani Maiya is the shadow of your Tribhuvan,