जय गणपति गणराजा दर्शन देने अब आजा,
तेरे भाग के माली है हम तू ही सच्चा रखवाला,
जय गणपति गणराजा दर्शन देने अब आजा
लम्बोदर तू अंतर यामी तेरी महिमा सबसे न्यारी,
बांजन को तुम पुत्र हो देते करते हो मुसक की सवारी,
तेरी किरपा जिस पे हो जाए मन का सारा वो फल पाए,
आँख में जवाला उसके भड़के इजत से है वो तर जाये,
सीधी विनायक को वो जग में हर दुखियाँ ने पुकारा,
जय गणपति गणराजा दर्शन देने अब आजा….
मोदक परये है तुमको देवा,
दीं हीं करे तेरी सेवा गोरी लाला तुम कहलाते,
तुम जिनके सूत वो महादेवा,
रिद्धि सीधी फल दायक सुनते सबकी पुकार है,
जो भी इनको इनको मन से दयाता करते बेडा पार है,
देवा तेरे दर पे आके राज लगाए जय कारा,
जय गणपति गणराजा दर्शन देने अब आजा
Now come to give darshan to Jai Ganapati Ganaraja,
We are the gardeners of your share, you are the true keeper,
jai ganpati ganaraja come now to give darshan
Lambodar tu antar yami teri glory is the most beautiful,
You give a son to Banjan,
Wherever your splendour falls, you get all the fruit of your mind,
The flame in his eye is due to his burning desire, he may get wet,
Every misery in the world called Sidhi Vinayak,
Now come to give darshan to jai ganpati ganaraja….
Modak is for you God,
If you do your service, you are called Gori Lala.
You whose yarn is that Mahadeva,
Riddhi is the call of everyone who hears direct fruits,
Whoever gives them mercy from the heart is beyond the limit,
Deva will come at your door, jai kara, jai kara,
jai ganpati ganaraja come now to give darshan