जो मैंने स्वर्ग से बढ़ कर यो खाटू का चमन देखा तो,
हां जन्नत छोड़ दी मैंने,
ना सोने की रही चाहत न चांदी से रही रत बट,
ना हीरे की ना मोती की ना दौलत की रही हां जात,
भखारी बन के ठाकुर का मुझे ऐसा मजा आया के,
हकूमत छोड़ दी मैंने……
महोबत सँवारे की देख लो क्या रंग लाइ है,
लगा कर सँवारे से दिल समज में बात आई है,
सबक ऐसा पढ़ाया श्याम बाबा ने महोबत का के,
शिकायत छोड़ दी मैंने
पड़े गीता जब उपदेश तो इस राज को जाना,
महोबत चीज क्या है इस हकीकत को भी पेहचाना,
मिली तालीम गीता से मुझे ऐसी जहां वालो के,
भगावत छोड़ दी मैंने
If I saw the chaman of yo khatu rising from heaven,
Yes, I left heaven
Neither the desire to sleep nor the love of silver butt,
Neither diamond nor pearl nor wealth is there, yes caste,
I had so much fun with Thakur as a Bhakhari Bane,
I gave up the rule……
Look at the beauty of love, what color has come,
By putting in the decoration, my heart has come to understand,
Shyam Baba taught a lesson like this,
i left the complaint
When the Gita is preached, then know this secret,
What is the love thing, to recognize this reality too,
I got such training from the Gita,
I gave up god