जिनके हाथों में सुदर्शन चक्र रहे,
जिनके अधरों पे मुस्कान बिखरी रहे
वो हैं मन भावन श्री मन नारायण,नारायण
भक्तों के कष्ट काटने हेतू
कितने ही अवतार किये
त्रेता में जन्मे राम बनकर
द्वापर में घनश्याम बने
धनुष जिनके हाथों की शोभा बने
सिया जिनके संग में विराजी रहें
वो हैं मन भावन वो हैं अति पावन जय श्री राम
मर्यादा का पाठ सिखाया
और वचन को निभाना बताया
पिता के वचनों के मान के खातिर
वनवास को भी खुशी निभाया
एसे प्रभू धरती पर आते रहे
कष्ट मिटा ते रहें
वो हैं मन भावन वो हैं अति पावन जय श्री राम
प्रेम करना इनोह्ने सिखाया
और कंस का संहार किया
इन्द्र के अभिमान को तोड़ा
नख पर गिरवर धारण किया
एसे प्रभू धरती पर आते रहें
कष्ट मिटा ते रहें
वो हैं बड़ा छलिया रास रचैया गोपला
प्रेषक प्रियंका
In whose hands the Sudarshan Chakra was,
Whose smiles are scattered on their lips
He is Mana Bhavan Shri Man Narayan, Narayan
to cut the sufferings of the devotees
how many incarnations
Born in Treta as Ram
Ghanshyam became in Dwapar
bow that adorns hands
Siya with whom stay seated
He is the mind, he is the most holy Jai Shri Ram
taught the lesson of dignity
and told to keep the promise
for the honor of the father’s words
Enjoyed the exile too
Such Lord kept on coming to earth
keep on hurting
He is the mind, he is the most holy Jai Shri Ram
they taught to love
and killed Kansa
broke Indra’s pride
nailed on
Such Lord keep on coming to earth
keep on hurting
He is Bada Chaliya Raas Rachaiya Gopala
From Priyanka