जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु बनडा बनकर मुस्काता है
खुशियया उस और बरसती है ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु…………
जय श्याम जय श्याम जय श्याम जय जय श्याम
आँखों में प्रेम के आंसू है होंठो पे श्याम गुणगान लिए
दिल में एक दर्द है मीठा सा चेहरे पे अजब पहचान लिए
सुमिरन करता है आठों पहर बस श्याम नाम ही भाता है
खुशियया उस और बरसती है ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु…………
मेरे श्याम से जिनके नैन मिले बैचेन वो दिल दीवाना है
वो श्याम श्याम बस रटता है जाता बस यही तराना है
वो गली और शहर शहर मेरे श्याम की अलख जगाता है
खुशियया उस और बरसती है ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु…………
जय श्याम जय श्याम जय श्याम जय जय श्याम
गुणगान यात्रा गुण जाती मन श्याम लगन मतवाली है
रूकती न खिन चलती जाए दिल श्याम की ज्योत जला ली है
दुःख में भी सुख का अनुभव हो बेधड़क ये बात बताता है
खुशियया उस और बरसती है ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु…………
The chariot on which Shri Shyam Prabhu sits and smiles as a bunda.
Happiness pours in that and wherever it goes
The chariot on which Shri Shyam Prabhu is sitting…………
Jay Shyam Jay Shyam Jay Shyam Jay Jay Shyam
There are tears of love in the eyes, on the lips for Shyam’s praise
There is a pain in the heart, it is strange to recognize a sweet face
Only Shyam’s name is pleasing to everyone.
Happiness pours in that and wherever it goes
The chariot on which Shri Shyam Prabhu is sitting…………
Whose nain met me with shyam, he is heartbroken
That Shyam Shyam just keeps on memorizing.
That street and city city awakens the light of my shyam
Happiness pours in that and wherever it goes
The chariot on which Shri Shyam Prabhu is sitting…………
Jay Shyam Jay Shyam Jay Shyam Jay Jay Shyam
The journey of praise is virtuous, mind, shyam, passion
Do not stop, keep on moving, the flame of heart Shyam has been lit
Feeling of happiness even in sorrow, fearlessly tells this thing
Happiness pours in that and wherever it goes
The chariot on which Shri Shyam Prabhu sits…………