जिसने साधे रघुवर के सारे काम हैं,
जिसकी हर साँस पर,
केवल राम का नाम है,
जो राम दीवाना कहलाता सरेआम है,
वो हनुमान है वो हनुमान है….
जो सात समंदर लांघे,
और पल में लंका जलाए,
जो अपने इस बल को भी,
बस राम कृपा बतलाए,
जिसके मन में ना कण भी ना अभिमान है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
जिसने साधे रघुवर के सारे काम हैं,
जिसकी हर साँस पर केवल राम का नाम है……
वो राम जो जग का दाता उस राम से दुनिया सारी,
जिसने कितनों की नैया भव सागर पार उतारी,
उस राम पे भी जिस सेवक का एहसान है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है
जिसने साधे रघुवर के सारे काम हैं,
जिसकी हर साँस पर केवल राम का नाम है,
जो जीत सके हर मन को वो तीर नहीं तरकश में,
सोनू हनुमान सिखाते भगवान् भगत के वश में,
जिसके सुमिरण से मिल जाते प्रभु राम हैं,
वो हनुमान है वो हनुमान है
जिसने साधे रघुवर के सारे काम हैं,
जिसकी हर साँस पर केवल राम का नाम है…
The one who has all the work of simple Raghuvar,
whose every breath,
Only Ram’s name is there,
The one who is publicly called Ram Deewana,
He is Hanuman He is Hanuman.
Who crossed the seven seas,
And burn Lanka in a moment,
who even this force of his,
Just tell Ram Kripa,
In whose mind there is neither particle nor pride,
He is Hanuman, He is Hanuman,
The one who has all the work of simple Raghuvar,
Whose every breath has only the name of Ram.
That Ram who is the giver of the world, from that Ram the whole world,
The one who took the boat of so many across the ocean,
Even the servant whose favor is on that Ram,
He is Hanuman, He is Hanuman
The one who has all the work of simple Raghuvar,
Whose every breath has only the name of Rama,
He who can win every mind is not an arrow in the quiver,
Under the control of Lord Bhagat teaching Sonu Hanuman,
Whose Sumiran meets Lord Ram,
He is Hanuman He is Hanuman
The one who has all the work of simple Raghuvar,
Whose every breath has only the name of Ram…