क्या भूल गये वो दिन बेठे रहते थे अकले,
ना तो तेरे भगत थे इतने ना लगते थे मेले,
मेहनत हमने की है और मजा तुम लेते हो,
हम जो मांगे हमको रुला रुला कर देते हो,
जो नहीं मांगे उसको बुला बुला कर देते हो,
हम मांगे तो हम को रुला रुला कर देते हो,
यह कैसी रीत तेरी बाबा यह कैसी प्रीत तेरी बाबा,
जो नहीं मांगे उसको बुला बुला कर देते हो,
हम मांगे तो हम को रुला रुला कर देते हो,
यह कैसी रीत तेरी बाबा यह कैसी प्रीत तेरी बाबा,
क्या भूल गये वो दिन बेठे रहते थे अकले,
ना तो तेरे भगत थे इतने ना लगते थे मेले,
मेहनत हमने की है और मजा तुम लेते हो,
हम जो मांगे हमको ……………………
बदल गये हो बाबा कोई कारण तो ज़रूर है
या फिर खाटू वाले तेरा नया कोई दस्तूर है,
देख सामने हमको आंखे बंद के लेते हो,
हम जो मांगे हमको ……………………
शुरू शुरू में बाबा तुम खूब दिया करते थे,
तेरी दातरी के चर्चे रोज होआ करते थे,
अब औरो को सामने मेरे दिखा कर देते हो,
हम जो मांगे हमको ……………………
Did you forget that those days used to sit alone,
Neither were your devotees nor did the fairs seem like that,
We have worked hard and you enjoy
Whatever we ask, you make us cry,
Whoever does not ask, you call him by calling,
If we ask, you make us cry,
What kind of love is this your baba, what kind of love is this your baba,
Whoever does not ask, you call him by calling,
If we ask, you make us cry,
What kind of love is this your baba, what kind of love is this your baba,
Did you forget that those days used to sit alone,
Neither were your devotees nor did the fairs seem like that,
We have worked hard and you enjoy
Whatever we ask for………………………..
You have changed Baba, there is definitely a reason
Or is there a new custom of yours with Khatu,
See us in front of you with your eyes closed,
Whatever we ask for………………………..
In the beginning, Baba used to give a lot to you,
The discussions of your teeth used to be hoa every day,
Now you show others in front of me,
Whatever we ask for……………………