जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं
दिल है तो दिल में क्या है, कैसे तुम्हे बताऊँ
मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेनेयाज़ गम से
तुझे अपने दर्दे दिल की क्या दासता सुनाऊं
नहीं अब रहा भरोसा मदहोश जिंदगी का
तेरी याद के नशे में कहीं राह में गिर ना जाऊं
मेरे दिल की बेबसी में अरमान थक गएँ हैं
तेरी राह पे नज़र है अब और चल ना पाऊं
मुझे याद तुम हो लेकिन, मुझे याद भी है अपनी
कभी यूँ भी याद आओ, के मैं खुद को भूल जाऊं
स्वरविनोद अग्रवाल
Where can I get the heart that forgets you
If there is a heart then what is in the heart, how can I tell you
The secret of my heart is sorrow, you are from Benayaz’s sorrow
What slave of my aching heart should I tell you
No more trust in drunken life
Don’t fall in the way of your remembrance
Armaan is tired in the helplessness of my heart
I have an eye on your path, I can’t walk anymore
I remember you but I also remember you
Always remember that I forget myself
Swarvinod Agarwal