क से कन्हैया

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महिमा गाते ख़ुशी मनाते जय जय कार बुलाते है,
वृन्धावन की कुञ्ज गली में ग्वाल वाल सब गाते है,
क से कन्हीयां ख से खाटू के श्याम,
ग से गिरधर घ घनश्याम,
कितने तेरे रूप रे कान्हा कितने तेरे सुंदर नाम,

कभी तो बन के ग्वाला तू वन में गैयाँ चराता है,
हा रसियाँ बन के फोड़े मटकी तो माखन कभी चुतारा है,
क्या निर्धन है क्या धनवान हर दिल में तेरा धाम,
कितने तेरे रूप रे कान्हा कितने तेरे सुंदर नाम,

नटखट प्यारी लीला से मेहकाया  सारा गोकुल सारा,
मारी पूतना नाग नथा पापी कंस को संगारा,
सिमरन से ही बन जाते पल में सारे बिगड़े काम,
कितने तेरे रूप रे कान्हा कितने तेरे सुंदर नाम,

व्याकुल तीनो लोक में है रज चरणों की चूमने को
तरसे देवी देवता भी धुन मुरली की सुन ने को,
कस्तो को हरने वाले दीप का सविकारो परनाम,
कितने तेरे रूप रे कान्हा कितने तेरे सुंदर नाम,

Celebrating singing glory, Jai Jai calls the car,
In the Kunj street of Vrindavan, the cowherds all sing,
A to daughters B to Khatu’s Shyam,
c to girdhar d ghanshyam,
Kitne Tere Roop Re Kanha Kitne Tere Beautiful Naam,

Sometimes you become a cowherd in the forest,
Yes, if you cook the ropes, then you sometimes steal butter,
What is poor, what is rich is your abode in every heart,
Kitne Tere Roop Re Kanha Kitne Tere Beautiful Naam,

Mehkaya Sara Gokul Sara from the naughty lovely Leela,
Sangara to Mari Putna Nag Natha Papi Kansa,
Simran would have made all the bad work in a moment,
Kitne Tere Roop Re Kanha Kitne Tere Beautiful Naam,

Distraught in the three worlds, there is a desire to kiss the feet of Raj.
Even the deities yearned to listen to the melody of the murli,
Savikaro reward of the lamp that defeats the custodians,
Kitne Tere Roop Re Kanha Kitne Tere Beautiful Naam,

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