काहे गबराते है दिल और काहे उदास है

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काहे गबराते है दिल और काहे उदास है,
मुरलीधर मनमोहना दिल तेरे पास है,
काहे गबराते है दिल और काहे उदास है,

ढूढ़ने की उसको क्या है दरकार समाने खड़ा है तेरा श्याम सरकार,
काहे को पुकारता है जोर जोर से खींचता नहीं क्यों इसे प्रेम डोर से ,
छोटी सी प्रेम कुटियाँ में इसका प्रेम निवास है,
काहे गबराते है दिल और काहे उदास है,

सांवला कन्हैया तुझे देख रहा हाथ कैसे करू यही सोच रहा,
तू तो तेरे दुखो से परेशान है श्याम के तरफ तेरा नहीं ध्यान है ,
तू भी निराश है याहा वो भी निराश है,
काहे गबराते है दिल और काहे उदास है,

सांवला कन्हैया तेरे साथ साथ है,
वनवारी डरने की क्या बात है ,
श्याम का भजन दिन रात किये जा ,
साथ तेरा देगा इस याद किये जा,
लिखने जुबा से श्याम श्याम जब तक ये सांस है
काहे गबराते है दिल और काहे उदास है,

Why is the heart angry and why is it sad,
Murlidhar Manmohana Dil Tere Paas Hai,
Why is the heart angry and why is it sad,

Your shy government is standing in front of what it needs to find,
Why does it not pull loudly, why it is called with love strings,
Its love resides in small love huts,
Why is the heart angry and why is it sad,

Dark Kanhaiya is looking at you, thinking how to do this,
You are troubled by your sorrows, you have no attention towards Shyam,
You are also disappointed, yes he is also disappointed,
Why is the heart angry and why is it sad,

Saanla Kanhaiya is with you,
What’s the point of being afraid of forestry,
Shyam’s hymn should be performed day and night,
You will be remembered with this,
Writing Juba to Shyam Shyam Till this breath is there
Why is the heart angry and why is it sad,

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