कभी ना कभी कही ना कही मेरा श्याम सलोना आएगा
अपना मुझे बनाएगा ,जीवन ज्योत जगायेगा
कभी ना कभी …….
आश लगाए कब से बैठे ,श्याम तुम्हारे चरणों में ,
नित तेरा गुणगान करे हम गली गली और घर घर में ,
नैन दरश के प्यासे हे ,कब तू दरश दिखायेगा ,
कभी ना कभी…..
कब तक तेरा गुण गावे हम तेरा इतना तो बतलाओ तुम,
गीता में जो वादा किया उसको आन निभाओ तुम,
चरणों की धूलि पाने से , मेरा जीवन सफल हो जायेगा
कभी ना कभी ……
श्याम बिहारी सुनलो हमारी हाथ जोड़कर के बिनती,
जो जो पाप किये हे हमने उनकी मत करना गिनती,
रे मन मूरख दर दर की, कब तक तू टोखर खायेगा,
कभी ना कभी…..
Sometime or the other my Shyam Salona will come
Will make my own, life will light the flame
sometime sometime……
Since when have I been sitting, Shyam has been sitting at your feet,
We praise you every day, in the street and in the house,
Nain is thirsty for Darash, when will you show Darsh,
sometime…..
Till when should we sing your merits, tell me so much about you,
You keep what you promised in the Gita.
By getting the dust of the feet, my life will be successful
sometime sometime……
Shyam Bihari listen to our request with folded hands,
Do not count the sins that we have committed,
O foolish mind, how long will you eat the tokar,
sometime…..