कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो,
दुखी हूँ, दीन हूँ मैं भी, मुझे फिर क्यों भुलाते हो,
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो
बढ़ाई, सुन के रहमत की, तुम्हारे, ददर पे आया हूँ
रहम की, भीख दो दाता, मैं गर्दिश का, सताया हूँ
हमेशा, आप ही बिगड़ी में आखिर, काम आते हो,
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो
इनायत, की नजर करके, बालाएं टाल दो दाता
खुशी मेरी भी, झौली में, जरा सी डाल, दो दाता
जहाँ की, नेमतें तुम तो, गरीबों, पे लुटाते हो,
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो
मैं जग से, हार कर आया, तू हारे का सहारा है
तुम्हारे, बिन नहीं जग में, कहीं मेरा, गुजारा है
लगाकर, अपने चरणों में, तरस बेकस पे खाते हो,
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो
बड़ी बेदर्द है, दुनियां, भरोसा क्या करूँ इस पर
जहाँ दिल, दे के मैं आया, वहीं से आ रहे पत्थर
गजेसिंह, प्यार का रिश्ता तो बस तुम, ही निभाते हो-ओ
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो,
दुखी हूँ, दीन हूँ मैं भी, मुझे फिर क्यों भुलाते हो,
कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो
लेखक- श्री गजे सिंह जी (भिवानी)
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where do you say,
I am sad, I am humbled, why do you forget me again,
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where are you?
Extended, listened to mercy, I have come to you, Dadar
Give mercy, give me alms, I am a victim
Always, you are the worst in the end, work comes,
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where are you?
gracefully
Happiness is mine too, in the jhauli, put a little bit, two donors
Wherever, you spend money on the poor,
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where are you?
I came from the world defeated, you are the support of the loser
Without you, not in the world, somewhere I have lived
By putting pity at your feet, you eat with pity,
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where are you?
It is very painful, the world, what should I trust on this
Where I came by giving my heart, the stones coming from there
Gajesingh, only you maintain the relationship of love – O
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where do you say,
I am sad, I am humbled, why do you forget me again,
Kanhaiya, the helper of the oppressed, where are you?