कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै
हर दाणे पै मोहर लागरी, कोण दाणा पाणी ल्यावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै…….
दाणा धरती म्ह पड़ ज्यासै, पड़ कै पेड़ बड़ा हो ज्यासै,
कित की धरती किट का दाणा कोण यो दाणा खावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै……..
घर आये का मान निभाणा, करके सेवा मत इतराणा,
कर्ज़ा पिछले जन्म का तेरा, सुणले वो उतरावे
कोण किसै नै घराँ बुलावै……..
घर आवणीया रूप प्रभु का,तू भी सुकर मनाले उसका,
सच्चे मन की सेवा प्यारे, अपणा असर दिखावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै………
दुर्योधन की त्याग मिठाई, विदुराणी घर चले कन्हाई,
केलेया ऊपर मोहर लागरी, कह छिलके श्याम चबावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै……..
Who should call home, who should be called
Every grain pai mohar lagri, angle dana paani lyavai
Who should not call home…….
The grain of the earth has become like a tree, may the tree grow up,
Kit ki earth kit ka dana angle yo dana khavai
Who should not call home……..
Respect for coming home, do not hesitate to do service,
The debt is yours from the past life, so let it be removed
Who should not call home……..
Home is the form of the Lord, you also make him happy,
Beloved of true heart, show your influence,
Who should call home………
Duryodhana’s sacrificed sweets, Vidurani went home to Kanhai,
Banana is stamped on top, saying peels shyam chewing,
Who should not call home……..
Hisar Haryana India