दर बदर सा मैं बर्बाद इक परिंदा था,
पंख बेजान थे बस नाम को ही जिन्दा था,
मिली जो छत तेरी तो साईं बनी बात मेरी,
जमीन से आसमा तक बड गई औकात मेरी,
के बड़ा ही सकूँ सा मिला हा जीने का जन्नुन सा मिला,
मिला जो तेरा दर मुझे साईं तो बंद हर रास्ता खुला,
तेरी करुना का मैं एहसान चूका कैसे तेरे कदमो से मैं अपना सिर उठाऊ कैसे,
तूने उमीद से भी ज्यादा मुझको दियां तेरा मैं शुकर मनाऊ तो मनाऊ कैसे,
के बड़ा एहसान है किया किरपा का तूने दान है दिया,
झुका है सिर सजदे में तेरे के मेरा हर काम है किया,
के बड़ा एहसान है किया ….
संत तुम को कहू बाबा या फ़कीर कहू तुम्हे भगवान कहू या अपनी तकदीर कहू,
गुरु हो आप ही मेरे आप माता पिता,
आस छोटी सी है दू जिन्दगी चरनो में बिता,
के बड़ा ही सकूँ सा मिला हा जीने का जन्नुन सा मिला,
मिला जो तेरा दर मुझे साईं तो बंद हर रास्ता खुला,
I was ruined like a bird,
The wings were lifeless, only the name was alive,
The roof that you got, your Sai became my thing,
My status has increased from the ground to the sky,
I got a lot of happiness, I got a passion to live.
I got what you say to me, then every way closed is open,
How can I lift my head by your feet, I have missed your compassion,
You have given me more than expected, how can I celebrate your sugar?
You have given a great favor to Kirpa,
I have bowed my head in prostration, I have done all my work,
It’s a big favor…
Will I call you a saint, Baba or a fakir, I will call you God or I will call my fate,
You are my guru, you are my parents.
Hope is small, I spend my life in the grass,
I got a lot of happiness, I got a passion to live.
I got what you say to me, then every way closed is open,