खाटू वाले सांवरे मुझे अब दरश दे दीजिये
हार के आया जगत से अब शरण ले लीजिये
खाटू वाले सांवरे ………………
दर बदर फिरता रहा मैं ना मिला कोई आसरा
तेरी चौखट मिल गई मुझे क्यों मैं भटकूं रास्ता
अपने चरणों में बिठाकर पार मुझको कीजिये
खाटू वाले सांवरे ………………
आप ही यदि छोड़ देंगे फिर कहाँ जाऊँगा मैं
तेरे दर को छोड़ कर कुछ ना कर पाऊंगा मैं
आसरा कोई ना देता अब शरण ले लीजिये
खाटू वाले सांवरे ………………
सब जगह मंज़िल भटक कर ली शरण अब आपकी
काम करना या न करना दोनों मर्ज़ी आपकी
दूर कर अब दूरी प्यारे अब दर्शा दे दीजिये
खाटू वाले सांवरे ………………
मुझमे है जप तप ना साधन और ना कुछ भी ज्ञान है
मेरे बाबा से मिला दो बस यही अरमान है
विरह अग्नि को जलाकर पाप जलने दीजिये
खाटू वाले सांवरे ……………..
Give me now the shawarma of Khatu
Take refuge from the world that came after defeat
Khatu Wale Saaware ………………
I kept wandering from door to door, I did not find any shelter
I got your door frame why should I wander the way
cross me by sitting at your feet
Khatu Wale Saaware ………………
If you only leave then where will I go
I will not be able to do anything except your rate
No one gives shelter now take shelter
Khatu Wale Saaware ………………
Have wandered the destination everywhere, now your refuge
To work or not to do both is your choice.
Now show the distance dear
Khatu Wale Saaware ………………
I have chanting, penance, neither means nor knowledge.
Meet my baba, this is the only desire
Let sin burn by burning the fire
Khatu Wale Saaware ………………