खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
भगत कब से खड़े है कतारों में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
मुझे न धन दोलत न यश चाहिये बस तेरे नाम का बाबा रस चाहिये,
हो असर साईं मेरी पुकारो में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
थोड़ी भगती से रीज जाते हो तुम,
जो पुकारे कोई दोड़े आते हो तुम,
बात हो जाये अब तो इशारों में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
तेरी महिमा का किसे न पार पाया,
जो भी दर आया झोली भर लाया,
तेरा जलवा है भागो बहारो में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
ज्योत के धुप में मैंने पाया तुझे,
तूने दर्शन दिये साईं आ के साईं मुझे,
वस् गया तू ही सांसो की तारो में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
रवि चन्द्र की सुनो फरयाद बाबा,
तुझे आना पड़े गा मेरे घर आज बाबा,
रोशनी है तेरी चाँद तारो में,
खो गया दिल मेरा शिरडी के इन नजारों में,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
Since when is Bhagat standing in the queues,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
I want neither wealth nor fame, just Baba Ras of your name,
Ho Asar Sai in my calling,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
You go to the area with a little bhati,
Whoever calls you, you come
Now let’s talk in gestures,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
Who could not surpass your glory,
Whatever the rate came, brought a bag full,
Your passion is in the running streams,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
I found you in the sun of the flame,
You appeared to me, Sai come to me,
Was gone you were in the stars of your breath,
My heart is lost in these sights of Shirdi,
Listen to Ravi Chandra, Faryad Baba,
You have to come to my house today Baba,
There is light in your moon stars,
My heart is lost in these sights of Shirdi,