कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है,
प्राणो में है माता जानकी मन में वसे हनुमान है,
चीर के सीना दिखा दियां सीने में वसे श्री राम है,
मेरे काम की चीज नही जिसमे न मिले प्रभु राम है,
मुख से जय श्री राम ही निकले जब तक इस में जान है,
कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है,
राम लिखा पत्थर पे तो पत्थर पानी पे तेर गये,
जिस ने किया है वैर राम से वो जीते जी मर गये,
अंत समय रावन के मुख से निकला राम का नाम है,
कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है,
कहते अर्जुन प्रेम हमारी नईयां भी पार करो,
जैसे तारी एहलैयाँ जी अब मेरा भी उधार करो,
दसरथ राज दुलारे राम को बारम बार परनाम है,
कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है,
Mahakal resides in every particle, in every person there is Shri Ram.
Mother Janaki is in her heart, there is Hanuman in her mind.
Showed the chest of a rag, there is Shri Ram in the chest,
There is nothing in my work in which I do not get Lord Ram,
Jai Shri Ram comes out of the mouth as long as there is life in it,
Mahakal resides in every particle, in every person there is Shri Ram.
Ram wrote on the stone, then the stone went on the water,
Whoever has done enmity with Ram, he died while living,
Rama’s name came out of the mouth of Ravana at the end.
Mahakal resides in every particle, in every person there is Shri Ram.
Says Arjuna love, cross our new lines too,
Like Tari Ehlaiyaan ji now lend me too,
Dasrath Raj is revered again and again to Dulare Ram,
Mahakal resides in every particle, in every person there is Shri Ram.