घाट घाट का पानी पी कर देश विदेश में रेह कर जी कर
पोहंचा माँ के द्वार के अब कोई दिकत नही है
तू जगजननी आध भवानी,
तू जगदम्बे तू कल्याणी दर्शन कर पर्शन हो गया मैया मैं तो धन्य हो गया
मिल गया माँ का प्यार के अब कोई दिकत नही है ,
तेरे दर पे जो भी आये मुह माँगा फल मैया पाए,
तेरे जैसा ना कोई मैया तू ही पार लगाये नैया
करती है उपकार के अब कोई दिकत नही है ,
शाह्कोटी तेरा भगत प्यारा पूरण को माँ तेरा सहारा
तेरी किरपा से मेरी दाती दुनिया सारी भेटे गाती करती है सवीकार
के अब कोई दिकत नही है ,
Living abroad by drinking water from Ghat Ghat
There is no problem now at the door of the mother reached
You are Jagjanani Aadh Bhavani,
You Jagdambe, you became a person after seeing Kalyani, Maya, I am blessed.
Found mother’s love, now there is no problem,
Whoever comes at your rate and asks for the fruit,
There is no love like you, you only cross the road
Doesn’t have any problems now
Mother your support to Shahkoti Tera Bhagat Pyara Pooran
With your grace, the world sings all the gifts, accepts it.
There is no problem now