क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,
मन की मैल उतार दो प्यारे ,
मन की मैल उतार ,
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,
मन की मैल उतार दो प्यारे,
मन की मैल उतार
पाप कर्म छोड़े नहीं तन से कैसे होये उद्धार
पाप कर्म छोड़े नहीं तन से कैसे होये सुधार
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,
मन की मैल उतार दो प्यारे
मन की मैल उतार
हाड मॉस की देह बानी है
भरे सदा नख द्वार
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,
मन की मैल उतार दो प्यारे
मन की मैल उतार
सत्संग तपती रस जल निर्मल
नित उठ गोटा मार ओ प्यारे
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,
मन की मैल उतार दो प्यारे
मन की मैल उतार
ब्रह्मा नन्द भजन भज हरी का
ब्रह्मा नन्द भजन कर हरी का
जो चाहे निस्तार
Why don’t you bathe in water?
Remove the dirt of the mind dear,
remove the dirt of the mind,
Why don’t you bathe in water?
Take off the dirt of the mind, dear,
get rid of mind
Do not leave sinful deeds, how to be saved from the body
Do not leave sinful deeds, how to improve from the body
Why don’t you bathe in water?
take off the dirt dear
get rid of mind
the body of the bone mass is made
ever filled door
Why don’t you bathe in water?
take off the dirt dear
get rid of mind
satsang hot juice water clear
get up oh dear
Why don’t you bathe in water?
take off the dirt dear
get rid of mind
Brahmanand Bhajan of Bhaj Hari
Hari by worshiping Brahmanand
whoever wants to