ले कर के उंमीदे मन में जो भी खाटू धाम गया,
श्याम किरपा से उस प्राणी का हो पूरा काम गया,
श्याम बाबा हो दयालु बड़े भक्त कहते है दर पे खड़े,
दुःख दर्द दीनों का पाने नाम कारे,
धुप में खुद जले सब पे छाओ करे,
सब का करता है ये खाटू वाला भला,
टूटे मन की ये सुनता जुबान,
सांवरियां का पान सहारा जो भी खाटू धाम गया,
उस प्राणी का हो पूरा काम गया,
ऐसा हमको मिला ना सवाली कभी,
लौटा हो इसके दर से जो खाली कभी,
सबकी भरता है ये खाली झोलियाँ आस पूरी ये सबकी करे,
जिसको हुआ विश्वाश श्याम पे खुशियां पा वो तमाम गया,
उस प्राणी का हो पूरा काम गया,
Whatever went to Khatu Dham in the hopeful mind after taking it,
Shyam Kirpa did all the work of that creature,
Shyam Baba is a merciful big devotee, says that standing at the door,
May the pain be the name of the poor,
Shade yourself on everyone who burns in the sun,
This khatu wala does good to everyone,
This listening tongue of a broken heart,
Whoever went to Khatu Dham, Saawariya’s Paan Sahara,
The whole work of that creature is done,
We never got such a question,
Returned at the rate of what ever empty,
Fills everyone’s empty bags, Hope fulfills everyone,
The one who got happiness on Vishwash Shyam, he went all
The whole work of that creature is done,