लेता जा साई का नाम,
साई सिमरन से बन जाते है,
सबके सारे बिगड़े काम,
लेता जा साई का नाम
तीर्थ यात्रा नगर नगर की सैर करे,
काहे दुनिया भर की,
मन की चार दीवारी में तुझे,
मिल जायेगे चारो धाम,
लेता जा साई का नाम,
साई जाप का लेके सहारा,
काल चकर से ले छुटकारा,
साई से इतनी बात समज ले,
वोही आगाज वोही अंजाम,
लेता जा साई का नाम ….
हर आराम तू पा सकता है फल तो पेड़ पे ही पकता है,
लेता जा साई का नाम बैठ जा अब उसकी शाया में,
खुद को लिखदे उसके के नाम,
लेता जा साई का नाम …….
Let’s take Sai’s name,
Sai becomes from Simran,
all the bad things,
Let’s take Sai’s name
Take a tour of the pilgrimage town city,
Whether around the world,
You in the four walls of the mind,
You will get all the four dhams,
Let’s take Sai’s name,
With the help of Sai Jaap,
get rid of the cycle of time,
Understand so much from Sai,
Same beginning, same end
Let’s take the name of Sai….
Every comfort you can get, the fruit ripens on the tree itself,
Take Sai’s name and sit now in his shade,
Write your own name,
Let’s take Sai’s name……