लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
मैं शरण तेरी मैं शरण तेरी,
जाने कहा कहा पर भटका तेरा दीवाना,
दर ये तुम्हारा बाबा मेरा आखिरी ठिकाना,
जिसपे किया भरोसा उसने ही आंख फेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
मुझे थाम ले दुखो से, आया हु हार करके,
थक सा गया हु बाबा, जग को पुकार करके,
इक आस दिल में मेरे, बाकी है श्याम तेरी
लो आ गया, अब तोह श्याम, मई शरण तेरी,
चरणों की धूल दे दे, मुझको भी हे दयालु,
भटका हु जिसकी खातिर, सच्ची ख़ुशी वो पालू,
ऐ हर्ष तू बतादे, किस बात की है देरी,
लो आ गया, अब तोह श्याम, मैं शरण तेरी,स्वरसंजय मित्तल
Come now, I am your refuge, Shyam.
I am your refuge, my refuge is yours,
Where did you go, but your crazy lover wandered,
Dar this your baba my last place,
The one he trusted turned his eyes
Come now, I am your refuge, Shyam.
Take hold of me from sorrows, I have come after giving up,
I am tired of calling out to the world, Baba.
I am in my heart, the rest is Shyam Teri
Come here, now toh shyam, may you shelter me,
Give me the dust of the feet, O Merciful,
For the sake of whom I am lost, true happiness is the one who nurtures,
O Harsh, tell me what is the delay,
Come here, now it’s Shyam, I am your refuge, Swarsanjay Mittal