लोह तू लगा श्याम से
मुशकिल हो चाहे कितनी बड़ी भी कट जाए आराम से
लोह तू लगा श्याम से
चिंतन करो तुम चिंता करेगा तेरी हर घड़ी संवारा
दिल तू लगा ले हर पल निभाये तेरी दिल लगी संवारा,
जग से छुपाये विरते हो जो भी वो तुम कहो श्याम से
लोह तू लगा श्याम से
क्यों मन वन्वारे तू धीरज गवाए फिर रहा माया गाव में,
जग धुप है ये क्यों जल रहा तू आजा श्याम छाव में
जिस ने शरण ली प्रभु ने खबर ली
आया सदा थामने
लोह तू लगा श्याम से
तेरी कामना वो पहचान लेगा
केहना भी जरुरी नही
कमी कुछ न होगी तेरी जिन्दगी ये रहेगी अधूरी नही
गोलू रुके न रफ़्तार उनकी जिनको गति श्याम दे
लोह तू लगा श्याम से
Loh you felt shyam
be difficult no matter how big it is to be cut comfortably
Loh you felt shyam
Think you will worry about your every moment
Dil tu lage le every moment nibayayein,
hide from the world whatever you say to shyam
Loh you felt shyam
Why did you lose your patience and stay in Maya’s village again?
The world is sunny, why are you burning in the shadow of a shadow?
The one who took refuge, the Lord took the news
came to stay forever
Loh you felt shyam
He will recognize your wish
it is not necessary to say
Nothing will be lacking, your life will remain incomplete
Golu does not stop the speed of those who give slow speed
Loh you felt shyam