मेरे हाथो की लकीरो का तमाशा क्या मैं जानू
मानु मैया मैं तो तुम को ही मानु
लाया न मैं कोई नजराना
किसा अजीब है
मांगने को हाथ भी नहीं है,
बंदा गरीब है,
जिस रात की न हो सुबह वो रात मैया मेरी जिंदगी,
जिस बात का न हो कोई मतलब वो बात मैया मेरी जिंदगी,
जीना ठोकरों में हर गर्दिश की मेरा नसीब है,
मांगने को हाथ भी नहीं है,
बंदा गरीब है,
मजबूर मैं गमो से होके चूर आंबे तेरे दर पे खड़ा,
मैया तूने मुझे जो न अपनाया तो फिर याहा कौन है बड़ा,
बन भोज मैं रहुगा कैसा दुनिया अकीब है,
मांगने को हाथ भी नहीं है,
बंदा गरीब है,
तेरे दर पे सवाली बन आया जमाना मैया छोड़ छाड़ के,
जरा कर दे कर्म की निगाहें मैया थोड़ा मुख मोड़ के,
मिले मुझको भी सारी बहारे जो तेरे करीब है,
मांगने को हाथ भी नहीं है,
बंदा गरीब है,
May I know the spectacle of the lines on my hands
I believe only you
I didn’t bring any attention
who is weird
There is no hand to ask,
the man is poor,
The night which is not there in the morning, that night my life,
Whatever doesn’t have any meaning, that thing is my life,
Living in stumbling blocks is my luck in every storm,
There is no hand to ask,
the man is poor,
I am compelled to be with sorrow, ambe standing at your door,
Maya, if you have not adopted me, then who is the big one?
What kind of world will I stay with?
There is no hand to ask,
the man is poor,
At your rate the question has come, the time has come to leave Maya,
Just turn the eyes of karma with a slight turn,
May I also get all the excuses that are close to you,
There is no hand to ask,
the man is poor,