मधुबन के मंदिरो में भगवान बस रहा है ।
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
आध्यात्म का यह सोना पारस ने खुद दिया है,
ऋषिओं ने इस धरा से निर्वाण पद लिया है ।
सदिओं से इस शिखर का स्वर्णिम सुयश रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
तीर्थंकरों के तप से पर्वत हुआ यह पावन,
केवल्य रश्मिओं का बरसा यहां सावन ।
उस ज्ञानामृत के जल से पर्वत सरस रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
पर्वत के गर्भ में है रत्नो का है वो खजाना,
जब तक है चंन्द सूरज होगा नहीं पुराना ।
जन्मा है जैन कुल में तू क्यों तरस रहा है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
नागो को भी यह पारस राजेन्द्र सम बनाए,
उपसरग के समय जो धेन्द्र बन के आए ।
पारस के सर पे देवी पद्मावती यहाँ है,
पारस प्रभु के दर पे सोना बरस रहा है ॥
मधुबन के मंदिरों में…
God is residing in the temples of Madhuban.
Gold is raining at the rate of Paras Prabhu.
This gold of spirituality has been given by Paras himself.
The sages have taken the position of Nirvana from this earth.
For centuries this summit has been a golden succubus,
Gold is raining at the rate of Paras Prabhu.
Madhuban Temples…
This mountain became holy due to the tenacity of the Tirthankaras.
Sawan rained here for Kevalya Rashmi.
The mountain is stirring with the water of that knowledge,
Gold is raining at the rate of Paras Prabhu.
Madhuban Temples…
In the womb of the mountain is that treasure of gems,
As long as there is only a few suns, it will not be old.
Born in Jain clan, why are you yearning?
Gold is raining at the rate of Paras Prabhu.
Madhuban Temples…
Let this Paras make even the snakes like Rajendra,
At the time of Upsarg, who came as Dhendra.
Goddess Padmavati is here on the head of Paras,
Gold is raining at the rate of Paras Prabhu.
Madhuban Temples…