मैं हु दीवाना साई तेरा,
करता हु तेरी बंदगी लगती है दर पे हज़ारी,
सारा ज़माना साई तेरा,
मैं हु दीवाना साई तेरा,
दुःख लेके सुख देता है दर पे जो भी आता है,
शिरडी के साई को जो दिल से भूलता है
लाज बचाता साई मेरा साथ निभाता साई मेरा,
करता हु तेरी बंदगी लगती है दर पे हाज़री,
मैं हु दीवाना साई तेरा………….
मेरे पास कुछ भी नहीं था जो दिया है तुमने दिया है,
दर्द में जो तुमको पुकारे चम्तकार तुमने किया है,
संग रहता है साई मेरा,
साथ चलता है साई मेरा,
करता हु तेरी बंदगी लगती है दर पे हाज़री,
मैं हु दीवाना साई तेरा………….
एक तेरी उधि से साई कितने रोग मिट जाते है,
अंधकार छट जाता है दर पे तेरे जो आते है,
खुशिया लाता साई मेरा,
जीवन महकता साई मेरा,
करता हु तेरी बंदगी लगती है दर पे हाज़री,
मैं हु दीवाना साई तेरा………….
I am deewana sai tera,
I do your bandgi looks like Hazari at the rate,
The whole world is Sai Tera,
I am deewana sai tera,
Gives happiness with sorrow, whatever comes at the rate,
The one who forgets the Sai of Shirdi by heart
Laj saves Sai plays with me Sai Mera,
I do your bandgi looks like attendance at the rate,
I am deewana sai tera………….
I had nothing that you have given,
Whoever calls you in pain, you have done wonders,
Sai lives with me,
Sai goes with me,
I do your bandgi looks like attendance at the rate,
I am deewana sai tera………….
How many diseases are eradicated from your udhi?
The darkness dissipates at the rate of those who come to you,
Sai brings me happiness,
Life smells like Sai Mera,
I do your bandgi looks like attendance at the rate,
I am deewana sai tera………….