मैं हूं ना क्यों चिंता करता है
एक रात दुखी मैं होके,
सो गया था रोते-रोते,
सपने में श्याम ने आकर,
कहा मुझको गले लगाकर कि
मैं हूं ना क्यों चिंता करता है
मेरे होते क्यों डरता है..
जो श्याम हरि को देखा तो, धीरज मैंने खोया,
लिपट गया चरणों से, फूट-फूटकर रोया ,
मुस्काकर होले होले,मेरे आंसू पोछे बोले
कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है..
श्याम कहे एक बार जो, मेरी शरण में आया,
हार नहीं सकता वो, तू काहे घबराया.,
जिसको मैंने अपनाया,उस पर है मेरी छाया,
कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है..
श्याम की बातें सुनकर भूल गया गम सारे,
ऐसा लगा कि मेरा फिर से जनम हुआ रे ,
किया उनकी और इशारा
संतों ने दिल से पुकारा
कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है…
धुन,
ये बन्धन तो प्यार का बंधन है..
{भक्त व भगवान की बातें}
i am no why worry
One night I was sad,
had fallen asleep crying,
Shyam came in the dream,
said hugging me that
i am no why worry
Why are you afraid of me?
When I saw Shyam Hari, I lost my patience.
Cried by the feet, wept bitterly,
Smile Hole Hole, wiped my tears and said
that I am not why worry..
Shyam said once, who came under my shelter,
He can’t lose, why are you scared?
My shadow is on the one I adopted,
that I am not why worry..
After listening to Shyam’s words, I forgot all my sorrow,
It felt like I was born again
pointed them out
the saints called from the heart
that I am not why worry…