मैं क्या मांगू तुम से गुरु वर,
मेरी तो हर सास तुम्हारी,
तुमसे ही है मेरी खुशियां तुम से ही है दुनिया सारी,
जो तेरे दरबार में आये उसकी चिंता हल हो जाये,
तेरा दर्श जिसे मिल जाये मृत्यु हर्श अन्कुलती पाये,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,
जो मन से बोले उसके लिये हर द्वार तू खोले,
सच भी तुम और ज्ञान तुम्ही से मेरे सब अरमान तुम्ही से,
मेरे गुरु तेरी शरण में आया शांत हुआ मन तेरी माया मैं तेरे दरबार में आके,
धन्य हुआ गुरु तुझको पा के,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,
दुःख हरलो अब इस संगत का ,
काम बना दो बिगड़े सारे,
इस संगत के हर सेवक की भरदो झोली मेरे साई,
भगतो को अभिमन्त्र करदो हम सब के रोगो को हर लवो,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,
What should I ask from you, my master?
My every mother-in-law is yours,
My happiness is only from you, the whole world is from you,
Let the worries of those who come to your court be resolved,
Whoever gets your vision, may death be joyous,
What should I ask for, what should I ask for you, my master
You open every door for what you speak from your heart,
Truth is also from you and knowledge from you, all my desires are from you,
My guru came under your shelter, my mind became calm, your love, I came in your court,
Blessed Guru to have found you,
What should I ask for, what should I ask for you, my master
Sorrow now of this company,
Make the work spoiled all,
Fill the bag of every servant of this sangat, my sai,
Invite the devotees, everyone loves the diseases of all of us,
What should I ask for, what should I ask for you, my master