मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली
तेरे गुण गाते है साधु मा बजा बजा के ताली
भूरे मगर पर कीन्ही सवारी हाथ कमल का फूल
सबको देती रिद्धि सिद्धि हमे गई क्यो भूल
नही हमारा कुटुम कबीला नही मात और तात
हम तो आए शरण तिहारी शरण पड़े की लाज
निर्धनियो को धन देती मा अज्ञानी को ज्ञान
अभिमानी का मान मिटाती खोती नाम निशान
लाखी पापी तुमने तारे लगी ना पल की देर
अब तो मैया मेरी बारी ई कहा लगाई देर
Maya amarkant wali tum ho ma bholi bhali
Singing your virtues
Somebody rides on the brown crocodile, the lotus flower
Why did we forget to give riddhi siddhi to everyone?
No, our Kutum clan is not Maat and Tat
We have come to take refuge, the shame of taking refuge
Giving money to the poor, giving knowledge to the ignorant
The proud name loses its name
Lakhi sinner, you took the stars, not a moment’s delay
Now my turn is my turn