के दुनिया वालो अब फिर राम धनुष उठ आया है
मंदिर का ध्वजा लहराया है
फिर से राम राज्य का युग ने विघुल बजाया है
मंदिर का ध्वजा लहराया है
जिनके नाम से पत्थर तैरा होगा क्या कोई ऐरा गेरा,
संग में हनुमान सुघ्रीव की सेना लाया है
मंदिर का ध्वजा लहराया है
जिसने रावन को संगारा
चुन चुन कर असुरो को मारा,
पत्थर बनी अहिलिया तरी जो चरण चुहाया है
मंदिर का ध्वजा लहराया है
जिनके साथ मनुज तन धारे सारे देव देविंदर पधारे,
गुरु ब्रिज मोहन कुलदीप अनंत हरी की माया है
मंदिर का ध्वजा लहराया है
People of the world, now Ram Dhanush has risen again
The flag of the temple is hoisted
The era of Ram Rajya has played again
The flag of the temple is hoisted
In whose name the stone would have floated, would there be any air,
Hanuman has brought Sughreev’s army with him.
The flag of the temple is hoisted
who sang Ravana
Selectively kill the Asuros,
Ahiliya Tari made of stone
The flag of the temple is hoisted
With whom all the gods came with Manuj Tan Dhare,
Guru Brij Mohan Kuldeep is the illusion of Anant Hari
The flag of the temple is hoisted