मनमोहन का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ।
उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥
सरदा करके प्रेम भजन में बैठगया प्रहलाद अगन में
अग़्नि में जल जावणा कोई हंसी खेल नहीं हैं॥
उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं
बिलनी द्रोपती मीरा बाई इस दुनिया ने बहुत सताई
लूट पिट के न गम खावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥
मनमोहन का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥
कीर्ति कंचन और कामनी चोरी जारी जुहा जामनी
मन माया त समझावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥
उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं
”कृष्णलाल” गुरु जी के दर्शन ”चंदरभान” संत हुए प्रसन्न
सतगुरु का गुण गावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥
उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं
मनमोहन का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं
स्वर –” भगत रामनिवास ”
Manmohan’s pawns are no laughing matter.
Getting that owner is not a laughing game.
Prahlad sat in the love hymn after doing Sarda
Burning in fire is not a laughing game.
That owner’s paws are no laughing matter
Bilni Draupati Meera Bai this world has harassed a lot
Eating gum in the loot pit is not a laughing game.
Manmohan’s paavan is not a laughing game.
Kirti Kanchan and Kamani continue to steal Juha Jamni
Mind maya and explaination are not a laughing game.
That owner’s paws are no laughing matter
“Chandrabhan” saint was pleased to see “Krishna Lal” Guru ji
Singing the praises of a Satguru is not a laughing game.
That owner’s paws are no laughing matter
Manmohan’s pawns are no laughing matter
Swara – “Bhagat Ram Niwas”