श्रद्धा रखो जगत के लोगो, अपने दीनानाथ में।
लाभ हानि जीवन और मृत्यु, सब कुछ उस के हाथ में॥
मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान।
बाल ना बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान ॥
त्याग दो रे भाई फल की आशा, स्वार्थ बिना प्रीत जोड़ो।
कल क्या होगा इस की चिंता, जगत पिता पर छोड़ो।
क्या होनी है क्या अनहोनी, सब का उसको ज्ञान॥
जल थल अगन आकाश पवन पर केवल उसकी सत्ता।
प्रभु इच्छा बिना यहाँ पर हिल ना सके एक पत्ता।
उसी का सौदा यहाँ पे होता, उस की शक्ति महान॥
Have faith, people of the world, in your Dinanath.
Profit loss life and death, everything is in his hands.
God is the one who kills, God is the one who saves.
His hair would not have been banked, whose savior was merciful.
Give up, brother, hope for fruit, add love without selfishness.
Worry about what will happen tomorrow, leave it to the father of the world.
What is to happen, what will happen, he has knowledge of all.
Only his power over water, land, sky, wind.
A leaf cannot move here without God’s will.
His deal would have been here, his power was great.