रातो को उठ उठ कर जो ध्यान लगाते है,
मस्ती में वो रंग जाए शिरडी में जो जाते है,
साई नाम में जो डूबा उसे खबर नहीं जग की,
सजदे में जो दर आके बस सिर को झुकाते है,
मस्ती में वो रंग जाए शिरडी में जो जाते है,
बेदर्द ज़माने का उसे डर क्या सताये गा,
शरधा से जो घर आके इसे अपना बनाते है,
मस्ती में वो रंग जाए शिरडी में जो जाते है,
इस चौखठ से कोई मायूस नहीं लोटा,
चरणों की धूलि को जो मस्तक से लगाते है,
मस्ती में वो रंग जाए शिरडी में जो जाते है,
जन्नत से भी बढ़ कर के ये धाम निराला है,
केवल वो तरे भव से जो मुँह विसराते है,
मस्ती में वो रंग जाए शिरडी में जो जाते है,
Those who wake up at night and meditate,
Those who go to Shirdi may color in the fun,
The one who drowned in the name of Sai did not wake up to the news,
The rate that comes in Sajdah just bows the head,
Those who go to Shirdi may color in the fun,
What is tormenting him with the fear of inclement times,
Those who come home from Shardha make it their own,
Those who go to Shirdi may color in the fun,
No one was disappointed with this door,
Those who put the dust of the feet on the head,
Those who go to Shirdi may color in the fun,
This dham is more unique than heaven.
Only those mouths that protrude from your bhava,
Those who go to Shirdi may color in the fun,